रूसी कंपनियों पर नए अमेरिकी प्रतिबंधों पर पुतिन का बयान: दबाव में आत्मसम्मान वाला देश नहीं झुकता

व्लादिमीर पुतिन ने रूस की तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर अमेरिका द्वारा लगाए गए नए प्रतिबंधों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी आत्मसम्मान वाला देश किसी भी दबाव में आकर नहीं झुकता है।

Vladimir Putin speaking during a meeting, with the Russian flag in the background.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन रोसनेफ्ट और लुकोइल के खिलाफ नए अमेरिकी प्रतिबंधों पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।.(Photo: Mikhail Tereshchenko, Reuters)

पुतिन ने अमेरिकी प्रतिबंधों को नकारा

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने देश की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर लगे नए प्रतिबंधों को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि ये प्रतिबंध मॉस्को पर दबाव बनाने की कोशिश हैं। लेकिन, रूस किसी भी बाहरी दबाव के सामने नहीं झुकेगा। पुतिन ने स्पष्ट कहा, “कोई भी आत्मसम्मान वाला देश दबाव में कोई काम नहीं करता।” उनकी यह टिप्पणी तब आई जब वाशिंगटन ने कड़े प्रतिबंध लगाए। ये प्रतिबंध रूस की प्रमुख तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर लगाए गए। अमेरिका ने यह कदम यूक्रेन में तत्काल युद्धविराम से रूस के इनकार के जवाब में उठाया है।

प्रतिबंधों से बढ़ेंगी तेल की कीमतें

व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पहले ही चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि ये प्रतिबंध वैश्विक ऊर्जा बाजार को अस्थिर कर सकते हैं। वे तेल की कीमतें बढ़ा सकते हैं, जिसका असर अमेरिका पर भी पड़ेगा। उन्होंने कहा, “हमने बहुत स्पष्ट कहा था कि यह वैश्विक तेल कीमतों को प्रभावित करेगा, जिसमें अमेरिका भी शामिल है।”

यूक्रेन युद्ध को लेकर बढ़ा तनाव

अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस से बार-बार युद्धविराम की अपील की है। वहीं, पुतिन ने पश्चिमी देशों पर रूस की संप्रभुता कमजोर करने का आरोप लगाया है। पुतिन ने कहा कि पश्चिम रूस को कमजोर करने के लिए प्रतिबंधों का उपयोग कर रहा है। इसके साथ ही, वे यूक्रेन को सैन्य सहायता भी दे रहे हैं।

अमेरिकी ट्रेजरी और यूक्रेन के बयान

अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने कहा कि यह कदम रूस की युद्ध छेड़ने की क्षमता को सीमित करने के लिए है। वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इससे क्रेमलिन की युद्ध क्षमता कमजोर होगी। हालांकि, रूस के विदेश मंत्रालय ने इन प्रतिबंधों को पूरी तरह बेकार बताया। उन्होंने कहा कि इसका रूसी अर्थव्यवस्था पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। प्रतिबंधों के बाद वैश्विक बाजार में तेल की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिला। भारत, जो ऊर्जा आयातक देशों में शामिल है, उसने भी रूसी कच्चे तेल की खरीद में कटौती शुरू कर दी है।

ट्रंप से मुलाकात रद्द होने पर पुतिन की प्रतिक्रिया

व्लादिमीर पुतिन ने डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आगामी बुडापेस्ट बैठक रद्द किए जाने पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “यह हम दोनों के लिए गलती होगी अगर हम इस मुलाकात को हल्के में लें। और बिना किसी नतीजे के लौटें।” उन्होंने बताया कि यह बैठक अमेरिकी पक्ष की ओर से प्रस्तावित की गई थी। पुतिन ने पुष्टि की कि बैठक फिलहाल स्थगित कर दी गई है। लेकिन, उन्होंने कहा कि मॉस्को बातचीत के लिए हमेशा तैयार है। उन्होंने निष्कर्ष निकाला, “क्या कहा जा सकता है? संवाद हमेशा टकराव से बेहतर होता है, विवादों या युद्ध से भी ज्यादा। इसलिए हम हमेशा बातचीत जारी रखने के पक्ष में रहे हैं और आज भी हैं।”


Related Posts

रूस से कथित संबंधों पर EU ने तीन भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया

यूरोपीय संघ ने सख्त कदम उठाते हुए भारत की तीन कंपनियों पर बैन लगा दिया है। यह फैसला उस समय आया है जब EU ने साफ कर दिया कि रूस…

और पढ़ें
चीन ने झांग शेंगमिन को दी दूसरी सबसे शक्तिशाली सैन्य कुर्सी

चीन में केंद्रीय सैन्य आयोग के अधीन थल, जल और वायु सेना काम करती है। चीन के राष्ट्रपति इसके पदेन अध्यक्ष होते हैं। अब झांग शेंगमिन को उपाध्यक्ष नियुक्त किया…

और पढ़ें

Leave a Reply

Discover more from ब्रिक्स टाईम्स

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading